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चुनार किला

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  चुनारगढ़ किला भारत कि ऐतिहासिक विरासत है यह एक अनमोल धरोहर है। चुनारगढ़ किले का इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान है यह किला लगभग 5000 वर्षों के इतिहास का गवाह है । चुनार किला भारत में उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर के चुनार में स्थित कैमूर पर्वत की उत्तरी दिशा में स्थित है। यह गंगा नदी के दक्षिणी किनारे पर बसा है। जिस पहाड़ी इस किला स्थित है उस पहाड़ी कि प्राकृतिक संरचना मानव चरण के आकार कि है इसलिये इसका एक नाम चरणाद्रिगढ़ भी है।    मिर्जापुर से लगभग 35 किलोमीटर दूर स्थित इस किलें का निर्माण 56 ईसा पूर्व में उज्जैन के तत्कालीन महाराज विक्रमादित्य नें करवाया था ।    सन 1924 को मिर्जापुर के तत्कालीन कलक्टर द्वारा दुर्ग पर लगाये एक शिलापत्र विवरण के अनुसार उज्जैन के सम्राट विक्रमादित्य के बाद इस किले   को पृथ्वीराज, बाबर, हुमायूं, अकबर समेत आधा दर्जन से अधिक शासकों ने इसे अपनी गतिविधियों का केंद्र बनाया। जिसके बाद मुगलों से ईस्ट इण्डिया कंपनी ने यह किला जीता लिया, उसक

मिस्र के पिरामिड (गिजा का ‘ग्रेट पिरामिड’)

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  मिस्र के पिरामिड तत्कालीन सम्राट के लिए बनाए गए स्मारक स्थल हैं , जिनमें राजाओं के शवों को दफनाकर सुरक्षित रखा जाता था । इन शवों को ममी कहा जाता है। उनके शवों के साथ खाद्यान , पेय पदार्थ , वस्त्र , गहनें , बर्तन , वाद्य यंत्र , हथियार , जानवर एवं कभी - कभी तो सेवक सेविकाओं को भी दफना दिया जाता था। मिस्र में 138 पिरामिड हैं , परन्तु काहिरा के उपनगर गीज़ा में गिजा का ‘ ग्रेट पिरामिड ’ ही प्राचीन एवम् ‌ विश्व विख्यात है। दुनिया के सात प्राचीन आश्चर्यों में शेष यही एकमात्र ऐसा स्मारक है जिसे काल प्रवाह भी खत्म नहीं कर सका।   इसका निर्माण मिस्र के प्राचीन सम्राट खुफू और उनकी महारानी के स्मारक के तौर पर ई . पू . 2280 से ई . पू . 2260 के बीच हुआ था।   यह पिरामिड ४५० फुट ऊंचा है। ४३ सदियों तक यह दुनिया की सबसे ऊंची संरचना रहा। १९वीं सदी में ही इसकी ऊंचाई का कीर्तिमान टूटा। इसका आधार १३ एकड़ में फैला है जो करीब १६ फुटबॉल मैदानों जितना है। यह २